मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश से माफिया काे खत्म करने के लिए पुलिस-प्रशासन काे फ्री-हैंड दे दिया है। लेकिन शिवपुरी में वन अमले पर हमले के अाराेपी पत्थर माफिया अाैर उसके साथियों के खिलाफ 40 घंटे बाद भी हत्या के प्रयास का केस दर्ज नहीं किया है।
माफिया पर धारा 307 लगाना तो दूर अस्पताल में भर्ती घायल डिप्टी रेंजर और फॉरेस्टकर्मी के बयान भी दर्ज करने पुलिस नहीं पहुंची। हद तो तब हो गई जब घटना में जिन फॉरेस्ट गार्ड को खरोंच तक नहीं आई, उन्हें चौकी पर बयानों के लिए बुलावा भेज दिया। पुलिस की नाकामी से खफा फॉरेस्ट कर्मचारियों के साथ जिले के रेंजर और फॉरेस्ट एसडीओ पहली बार पुलिस के खिलाफ शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए। पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन भी सौंपा। पत्थर माफिया के खिलाफ हत्या के प्रयास के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा भी नहीं बढ़ाई है। इससे वन अफसर और अमला नाराज है। डीएफओ ऑफिस शिवपुरी में वनकर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। अाराेप यह भी है कि राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस बैकफुट पर नजर अा रही है। करमई बीट से फर्शी पत्थर खनन और परिवहन चल रहा था। सूचना पर सब रेंज अमोला के डिप्टी रेंजर मोहन स्वरूप गुप्ता 11 दिसंबर की रात 10 बजे 8 फॉरेस्ट गार्ड को लेकर पहुंचे। नावली के पास माफिया ने चालक की कनपटी पर कट्टा अड़ाया और डिप्टी रेंजर मोहन स्वरूप व फॉरेस्ट गार्ड नीरज राजौरिया पर लाठियों से जानलेवा हमला कर दिया। हमले में डिप्टी रेंजर गुप्ता के सिर में घाव होने से 9 टांके और राजौरिया के सिर में 7 टांके आए।
 
धारदार हथियारों से हमला धारा 307 की परिधि में
पहली बार वन कर्मचािरयों के साथ जिले के वन अफसर भी विरोध में उतरे, सिर्फ डीएफओ और सीसीएफ धरने से दूर, कलेक्टोरेट और एसपी दफ्तर में दिया ज्ञापन
शिवपुरी. वन टीम पर हुए हमले के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी व धारा बढ़ने के लिए एसपी ऑफिस पर ज्ञापन देने आए वन कर्मचारी व अधिकारी। इसके बाद डीएफओ कार्यालय में धरने पर बैठ गए।
ज्ञापन में वन विभाग के रेंजर व एसडीओ स्तर के असफर
एसपी ऑफिस में एएसपी गजेंद्रसिंह को ज्ञापन दिया। कलेक्टाेरेट में कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर मनोज गरवाल को ज्ञापन दिया। ज्ञापन के दौरान एसडीआे एमके सिंह करैरा, डीके राजौर एसडीओ शिवपुरी सहित पोहरी रेंजर केपीसिंह धाकड़, सतनवाड़ा रेंजर शैलेंद्रसिंह तोमर, पिछोर रेंजर मानवेंद्र सिंह, शिवपुरी रेंजर भुवनेश्वर, करैरा रेंजर अनुराग तिवारी, बदरवास महेश कुमार शर्मा, कोलारस रेंजर कृतिका शुक्ला सहित जिले के डिप्टी रेंजर और फॉरेस्टकर्मी मौजूद थे।
पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है
यहां डॉक्टर भी दबाव में... एमएलसी रिपोर्ट में लिखा- साधारण चोट, बाद में कहा- घाव थे, टांके भी लगाए: जिला अस्पताल शिवपुरी के डॉक्टरों ने घायल डिप्टी रेंजर गुप्ता फॉरेस्ट गार्ड राजौरिया का इलाज किया। लेकिन जो मेडिकल रिपोर्ट बनाई है, उसमें साधारण चोट का जिक्र है। बाद में दैनिक भास्कर ने डॉ. पिप्पल से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि घायल जब अस्पताल आए तो उनके सिर में घाव थे। टांके भी लगा दिए थे। वहीं पुलिस वाले अस्पताल से एमएलसी ले गए, लेकिन घायलों की सुध लेने नहीं पहुंचे।
ज्ञापन में आरोप : पुलिस की मिलीभगत से अपराधियों के हौंसले बढ़ रहे : सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वनकर्मी व अफसर कलेक्टोरेट पहुंचे। वन कर्मचारी संघ के नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस की मिलभगत से अपराधियों के हौंसले बढ़े हैं। हालांकि एएसपी गजेंद्र सिंह कंवर ने इस बात को नकार दिया। वनकर्मियों ने कहा कि डिप्टी रेंजर व वनकर्मी के सिर में गंभीर चोट के कारण टांके आए हैं। धारा 307 लगनी चाहिए। एफआईआर में कट्टे का जिक्र है, फिर भी आर्म्स एक्ट की धारा नहीं लगाई। घायलों के बयान भी नहीं लिए हैं।
आरोपी भाग गए हैं, धारा बढ़ाई जाएंगी
राजेश सिंह चंदेल, एसपी, शिवपुरी
  बाला बच्चन, गृहमंत्री, मप्र शासन
वनकर्मियों पर हमले का मामला गंभीर, कड़ी कार्रवाई कराएंगे
-यह मामला आप मेरे संज्ञान में लाए हैं। हम इस संबंध में ग्वालियर रेंज के आईजी और शिवपुरी पुलिस अधीक्षक से चर्चा करता हूं।
-यह गंभीर मामला है। हर हाल में कड़ी कार्रवाई कराएंगे।
-राजनीतिक दबाव में काम नहीं होगा। कड़ी कार्रवाई होगी। सुबह इस मामले में कार्रवाई करवाते हैं।
सीएम का आदेश-माफिया को खत्म करें, यहां हमले के अाराेपी माफिया पर 307 के बजाए सिर्फ मारपीट का केस दर्ज किया